भक्तजनों पिछले अंक में एक गलती हो गयी थी. मैंने गलती से वर्ण व्यवस्था लिख दिया था. उस व्यवस्था को वर्ण व्यस्था नहीं बल्कि आश्रम व्यस्था कहते हैं. चार भाग होते हैं इस व्यस्था में - ब्रह्मचर्य आश्रम, गृहस्थ आश्रम, वानप्रस्थ और सन्यास आश्रम. कृपया उसे इसी अनुसार पढ़े।
जय श्री कृष्ण !!!
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