Tuesday, July 13, 2010

Geeta chapter - 2.8

भक्तजनों मैं एक link दे रहा हूँ। इसे पढ़िए और सोंचिये अगर जो वैज्ञानिक कह रहे हैं वोह अगर उन्होंने साबित कर दिया तो पुरातन काल की कितनी सारी बातें सच साबित हो जाएँगी।


http://www.boston.com/news/health/articles/2008/04/14/free_will_not_as_much_as_you_think/


कितनी बड़ी बात है की हम क्या फैसला लेने वाले हैं वोह हमसे पहले ही हमारे अचेतन मन में उसका फैसला ले लिया जाता है और जो हम महसूस करते हैं की कोई फैसला हमने सचेत रहकर लिया है वोह सिर्फ हमारा वेहम होता है। इस से भी बड़ी बात उस research में जो सामने आई है वोह यह है की हमारे अचेतन मन में सवाल पूछने से पहले ही जवाब बनना शुरू हो जाता है। अभी इसको सही तरीके से साबित करना बाकि है लेकिन अगर यह साबित हो गया तो क्या पुराण और वेदों में जिस बात का दावा किया जाता है की हम सिर्फ उस इश्वर के हातों की कठपुतली हैं सच साबित हो जाएगी। आखिर अचेतन मन को यह कैसे पता चलता है की सवाल क्या पूछा जायेगा और उस सवाल का यही जवाब देना है।
अभी तो वैज्ञानिक सिर्फ अचेतन मन तक ही पहुँच पाए हैं। अगर संस्कार और चेतना को decode कर दिया तो बहुत सारी आश्चर्यचकित करदेने वाली बातें सामने आ जाएँगी।
खैर हमे तो यह उम्मीद रखनी चाहिए की विज्ञान इसी तरह तरक्की करता रहे ताकि जिस ज्ञान को हमने भुला दिया है वोह फिर से नाम बदलकर science के नाम से हमारे जीवन में प्रवेश करले।

एक बात याद रखिये की अभी बहुत कुछ है इस ब्रह्माण्ड के बारे में जो हमे पता नहीं इसलिए सारे options खुले रखने चाहिए। क्या पता वेदों का हर अक्षर सच साबित हो जाये। इसलिए थोडा बहुत पुण्य का काम भी करते रहना चाहिए। फिछले जन्म कुछ अच्छे कर्म किये होंगे जो ऐसी सत बुद्धि मिली है की ऐसी बातों का महत्व समझ पाते हैं वर्ना तो हमारी बुद्धि को भ्रष्ट करने के सारे सामान इस दुनिया में मौजूद हैं।

इस बार श्लोकों की चर्चा नहीं कर रहे हैं। मैंने जब इस report को पढ़ा तो लगा के आप लोगों से share करनी चाहिए।

जय श्री कृष्ण !!!

No comments:

Post a Comment